26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण और कविता

भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ था लेकिन 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को अपनाया गया और गणतंत्र देश घोषित किया गया। 

ना जियो धर्म के नाम पर, ना मरो धर्म के नाम पर, हर दिल में इंसानियत ही है धर्म वतन का, बस जियो वतन के नाम

चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें, शहीदों के दिलों की वो ज्वाला याद कर लें, जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे, देशभक्ति के खून की वो धारा याद कर लें।।

मेरे देश की सैन्य शक्ति आज विश्व में खूब छा रही है, जल थल नभ की तीनों शक्ति कवच बन कर देश पर छा रही है। हर परिस्थिति में है तैयार भारत, हौसला यहां कभी कम नहीं, देखें दुनिया शक्तिशाली भारत, मेरा देश किसी से कम नहीं

आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराए, अपना गणतंत्र दिवस है आया आओ  झूम के नाचे, गाये खुशी मनाएं

आजादी का जोश कभी कम न होने देंगे, जब भी जरुरत पड़ेगी देश के लिए जान लुटा देंगे, भारत हमारा देश है, अब दोबारा इस पर कोई आंच न आने देंगे।

ना सरकार मेरी है, ना रौब मेरा है, ना बड़ा सा नाम मेरा है, मुझे तो बस इस बात का का गर्व है, मैं 'हिन्दुस्तान' का हूं और 'हिन्दुस्तान' मेरा है।

प्यार करना है तो वतन से करो तैरना है तो समुद्र में तैरो, नदी-नालों में क्या रखा हैं, प्यार करना है तो वतन से करो, इन बेवफा लोगों में क्या रखा हैं।।