What is Love in Hindi | Pyar kya hota hai

Love meaning in Hindi
what is love in hindi प्रेम एक ऐसा शब्द है जिसे सुनने के बाद इंसान अपने सारे गिले-शिकवे भूल जाता है। इस शब्द का उच्चारण करते ही मन को एक अलग से सुकून और खुशी प्रदान होती है। प्रेम का दिल से गहरा रिश्ता होता है। जब भी आप किसी के साथ बातें या अट्रेक्ट होते हो और उसके लिए आपके अंदर से कोई फीलिंग महसूस होने लगता है। तो समझ लीजिए कि आपको उससे प्रेम होने लगा है। प्रेम कोई ऐसी चीज नहीं, जो आप कही से खरीद या बेच सकते हो यह केवल और केवल आपके दिल से निकलता है। प्रेम को जोर और जबरदस्ती नहीं किया जा सकता हैं। यह दो दिलों का अनुभव होता है, जिसे केवल वही दो जन समझ सकते हैं, जिनके बीच प्रेम हुआ है। प्रेम एक ऐसा शब्द है जो आपस के भेदभाव को मिटा देता है और एक अच्छे जीवन की शुरुआत करने की सलाह देता है। दो दिलों के बीच के अनुभव को मिटा के एक नए सिरे से शुरुआत करने की प्रक्रिया प्रेम कहलाता है। प्रेम एक महसूस है, प्रेम एक गहरा रिश्ता है, प्रेम एक खुशी है, प्रेम एक जीवन शैली है।
प्रेम की शुरुआत कैसे होती हैं
प्रेम, जब आप किसी के साथ ज्यादा लगाव लगा लेते हो। और एक दूसरे को अच्छी तरह जानने लग जाते हो, तो यहां से प्रेम की उत्पत्ति होती है। एक दूसरे से जुड़ जाना ही प्रेम की शुरुआत कहलाती है। दो दिलों के बीच का संबंध जो एक दूसरे के दुख दर्द को महसूस करने लगे प्रेम की शुरुआत कहलाती है। अगर आप किसी के साथ रहने या खेलने या बात करने चाहते हो तो आपको उसके साथ प्रेम भावना की शुरुआत करनी चाहिए। उससे मिलकर उसके साथ रहकर उससे बातें करके आपको यदि खुशी प्रदान होती है तो आप की प्रेम कहानी की शुरुआत हो चुकी है। प्रेम की शुरुआत करने के लिए आपको अपने पार्टनर के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है। उससे मिलने या बातें करने के बाद आपको अपनी फीलिंग को शेयर करना बहुत जरूरी है। शुरू शुरू में हम दोस्त होते हैं लेकिन यही दोस्ती आपको प्रेम की ओर धकेल देती है। उसके जाने से आपके अंदर एक खराब फीलिंग आने लगता है। आप दिन भर उदास रहने लगते हो आपका मन किसी चीज में या कहीं पर लगता नहीं है। आपका मन भटकने लगता है। मानो कि आप दुनिया में अकेले पड़ गए हो यही एक सच्चे प्रेम की शुरुआत होती है।
प्रेम कब और कैसे होता है What Is Love In Hindi
प्रेम होने की कोई समय सारणी नहीं है। यह आपको कहीं भी कभी भी हो सकती है। इसका कोई मूल आकार नहीं होता है। यह एक प्राकृतिक तरीका है जो अनुभव के दम पर होता है। प्रेम होने के लिए आपको किसी चीज की जरूरत नहीं पड़ती है। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप इसे कब महसूस करने लगते हो प्रेम को महसूस करने के लिए आपको किसी स्पेशल ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि यह आपको एक स्पेशल बना देता है।
प्रेम आपको अपने घर में अपने किसी पसंदीदा चीज से हो सकती है। आपके घर में पल रहे पालतू से हो सकती है। घर से बाहर आप कहीं घूमने गए हो प्रेम वहां भी हो सकता है। प्रेम कोई जरूरी नहीं है कि आप को यहां किसी एक व्यक्ति विशेष से हो इसका होना ना होना आप पर निर्भर करता है।
प्रेम होने के क्या कारण है
प्रेम होने का एक नहीं बल्कि हजारों कारण हो सकते हैं जब आप किसी को देखते हो या उससे बातें करते हो तो आपके अंदर आने वाली महसूस को प्रेम का एक कारण कहा जाता है, कुछ ऐसे कारण जो मैं आपके साथ साझा करने वाला हूं :-
- जब कोई व्यक्ति आपको समय देने लग जाये है।
- जब कोई व्यक्ति आपके करियर विकल्प का समर्थन और सम्मान करता है।
- अगर वह आपको, आपकी गलतियों पर ईमानदारी से बर्ताव है।
- अगर वह आपके साथ किसी प्रकार के मत भेद नहीं रखता और ईमानदार है।
- जब वह किसी छोटी-छोटी बात पर अनावश्यक लड़ा नहीं खड़ा करता है।
- जब वह आपके किसी कार्य में किसी प्रकार के कोई हस्तक्षेप नहीं करता है।
- जब वह आपको एक नई राह के लिए प्रोत्साहित करता है।
- जब वह आपकी बातों को याद करता हो जिसे आप कभी भूल नहीं सकते हैं
आप कैसे जानते हैं कि आप किसी से प्यार करते हैं
प्रेम को समझने के लिए जरुरी है की आप अपने अंदर के महसूस को समझे। आप की अंतर आत्मा ही आपको ये महसूस दिलाएगा की आप को सच में प्रेम होने लगा है या नहीं।यहाँ पर कुछ ऐसे बिंदु दिए गए है जिसे पढ़ कर सायद आपको इसका कुछ अनुभव या एहसास हो सके :-
- जब वह आपकी आदत बन जाये है, अगर आप उससे एक दिन बात नहीं करते हो तो ऐसा लगता है जैसे आपके जीवन से कुछ गायब हो गया हो।
- आप उसके बिना अपने जीवन के बारे में नहीं सोच सकते। सभी छोटे-बड़े फैसले आप उससे पूछ कर लेने लगते हो।
- आप अपने सभी फैसलों में उसे शामिल करने से खुद को रोक नहीं पाते, उनकी राय आप के लिए एक आवश्यकता बन जाती है।
- आप उसे परेशानी में देख कर रोने लगते हो।
- वह आपके परिवार जैसा बन जाता है।
- उसके बारे में बात करने पर आपको अलग से एक खुसी प्रदान होती है।
- आप उसके बारे में पूरे दिन, हर पल बात कर सकते हो।
- आप उससे कभी बोर नहीं होते हो।
- आप उसे परेशान नहीं देख सकते। उसकी आवाज के स्वर में बदलाव भी आपको परेशान करता है और आप उसे देखने के लिए सब कुछ एक कर देते हैं।
- वह प्राथमिकता बन जाता है, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या कर रहे हैं।
- उनके महत्वपूर्ण दिन आपके लिए भी महत्वपूर्ण दिन बन जाता हैं।
प्यार के 4 प्रकार क्या हैं ?
निचे दिए गए प्रेम के 4 प्रकार है जो आप को जानना बहुत जरुरी है। ये आप के दिन चर्या को बदल सकता है और किसी से प्रेम के प्रति लगाव को बढ़ा सकता है :-
- भावुक प्रेम
- दोस्तों और बराबरी का प्रेम
- बच्चो के लिए माता पिता का प्रेम
- मानव जाती का प्रेम
भावुक प्रेम
जैसा की नाम से ही पता चल रहा है भावुक यानि की दयालुता वाला प्यार। जब कोई व्यक्ति किसी को देख कर भावुक हो उठता है और उसके लिए उसके मन में प्रेम उत्पन्न होने लग जाता हैं, तो उसे भावुक प्रेम के दर्जे में रखा जाता है। इस प्रकार के प्रेम केवल कुछ समय के लिए होता है। जब आप की इच्छा पूर्ण हो जाती हैं तब आप इसे धीरे धीरे भूल जाते हो। ये आप के अंदर एक भाव उत्पन्न करता हैं। जो केवल छड़ भर के लिए होता हैं। अगर आप कठोर दिल के हैं तो ये आप पर हावी नहीं हो पता। बल्कि जायदा दयालुता वाले व्यक्ति के ऊपर इसका प्रभाव ज्यादा होता हैं।
दोस्तों और बराबरी का प्रेम
यह दो जोड़ो के बीच का प्रेम हो सकता है। जब आप लंबे समय सेएक दूसरे के साथ रहने लग जाते हो तो ये पराम् आपस में उमड़ने लगता हैं। इसे भाईचारे का प्रेम भी कहा जाता है। बेशक, यह भाई बहन के बीच का प्रेम हो सकता है और यह अच्छी दोस्ती को बरक़रार रखने वाला प्रेम है। यह वह प्रेम है जो आपके बचपन से होने लगता हैं। जब आप दुनिया में कदम रखते हो तो आप का प्रेम एक दोस्ती की तरफ होता हैं। आप उन्ही को दोस्त बनाते हो जो आप के काबिल हो। आप अपने अनुभव को उनके साथ साँझा करते हो। आप अपने सोच को अपने साथी के साथ मिलान करते हो। बराबरी के दोस्ती में आप कभी अपने फायदे या नुकसान के बारे में नहीं सोचते।
बच्चों के लिए माता-पिता का प्रेम
बच्चो के लिए माता पिता का प्रेम बहुत जरुरी होता हैं। जब बच्चा पैदा होता है तो उसका पहला प्रेम उसके माता और पिता होते हैं। क्योकि छोटा बच्चा दुनिया से अनजान होता हैं। उसे किसी चीज की खबर नहीं होती। दुनिया का कोई भी माता पिता हो उसके मन में अपने बच्चे के लिए प्रेम हमेसा उत्पन्न रहता हैं। बच्चो का भी अपने परिवार के लिए प्रेम तत्पर रहता हैं। इसमें माता का सबसे बड़ा योगदान होता है अपने बच्चे को प्रेम के प्रति उत्तेजित करने में। ज्यादा तर बच्चे अपने प्रेम प्रसंग में डूबे रहते हैं। जिनका होना भी लाजमी हैं।
मानव जाति का प्रेम
मानव जाती का प्रेम सबसे अहम प्रेम माना जाता है। ये प्रकृति से जुड़े सभी जन जातियों को जोड़ने के काम आता हैं। मानव या इंसान हमेसा से प्रेम प्रकृति को आगे बढ़ाता चला आ रहा है, और आगे भी बढ़ाता रहेगा। मानव ईश्वर से प्रेम रखता है उन्हें पूजता हैं। यही मानव अपने समाज से प्रेम रखता है। अपने घर परिवार से प्रेम रखने वाला मानव प्रेम जाती को बढ़ाता है। मानव जाती का प्रेम किसी भी व्यक्ति विषेस से हो सकता हैं।
तो ये थी पूरी जानकारी what is love in hindi, love meaning in hindi के बारे में यदि आप को जानकारी पढ़ के अच्छा लगा हो तो हमें कमेंट कर के जरूर बताइए।